Poetry

"

(कवितायेँ)

: आतंकवादी :

"जो
रोज रोज
नए नए आतंक
भोगने का आदी है
वो
बेचारा नहीं
सबसे बड़ा
आतंकवादी है !"
: समाजवाद :

"जनता ने हाथ जोड़कर पूछा
"क्या आप भी यकीन करते हैं
समाजवाद में ? "
नेता मुर्गी कि टांग चबाकर बोला-
"पहले हम ,
समाज बाद में !"

 
: त्योंहार :

"होली पर कुछ लोग
अपने नंगे बदन पर
पानी बहा रहे हैं
कुछ इस ख़ुशी में
क़ि होली मना रहे हैं
कुछ इस ख़ुशी में
क़ि मुफ्त नहा रहे हैं !"

 
: गुरु दक्षिणा :

"अंगूठा माँगना
द्रोणाचार्य का
स्वार्थ प्रेरित अधिकार है
देना या दिखा देना
एकलव्य का चरित्र है
हमारा इतिहास भी
कितना विचित्र है !"

 

  : व्यंग्योक्तियाँ :

"रास्ते चलते को अपना गुरु मत बनाईये
वर्ना आपको रास्ते पर आने में ज्यादह वक़्त  नहीं लगेगा !"
"पहले बाबा लोग आतंक कम करने का मार्ग बताते थे , आजकल देश में बाबाओं का बड़ा आतंक है !" "आलोचक और समीक्षक होली नहीं मनाते
क्योंकि कोई उन पर कीचड़ उछाले ये उन्हें कभी बर्दाश्त नहीं होता !"
"अपने पति से इतनी साड़ी चीजें छोड़ने को मत कहिये की एक रोज वो आपको ही छोड़ने की बात पर गंभीरता से विचार करने लगे !" "जो लोग सुहागरात से अपनी बीवी की पाजेब में उलझ जाते हैं , उन्हें जिन्दगी भर माँ का मंगलसूत्र नजर नहीं आता !" "बच्चों की हरकतों से कई बार हमें भगवान् याद आते हैं, इसीलिए तो बच्चे भगवान् का रूप कहे जाते हैं !"
"अक्सर लेखक को किताब लिखने में हुआ कष्ट पाठक के उस कष्ट से बहुत छोटा होता है जो पाठक को किताब पढने में होता है !" "बच्चे गंदे एस. एम्. एस. का जिक्र तभी तक करते हैं जब तक उनके हाथ अपने मम्मी पापा का मोबाइल नहीं लग जाता !" "कंप्यूटर ने हजारों को रोजगार दिया , लाखों बेरोजगार हुए और करोड़ों इस बात पर विचार कर रहे हैं की ऐसा क्यूँ हुवा ?"
"एक वक़्त आता है जब परिवार प्रमुख की स्तिथि पेट्रोल पुमप के मालिक की तरह हो जाती है जिसका काम सिर्फ पेट्रोल भरना रह जाता है , गाड़ियाँ सब अपनी अपनी मर्जी से चलती हैं !" "सपने देखना अच्छी बात है लेकिन इसके लिए हमेशा अपनी ही आँखों का उपयोग करना चाहिए !" "सब पर अंकुश लगाने की धुन में मीडिया
अक्सर खुद बड़ा निरंकुश हो जाता है !"

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